
कांग्रेस की केरल यूनिट ने जिस मासूमियत से “बी फॉर बीड़ी, बी फॉर बिहार” लिखा था, उससे ज्यादा तेज़ी से तो आग Diwali के पटाखों में भी नहीं लगती।
राजनीतिक पंडित इस पोस्ट को “पब्लिक रिलेशन की बीड़ी” कह रहे हैं, जिसने पार्टी की इमेज को धुएं में उड़ा दिया।
कांग्रेस का तंबाकूगोल: सोशल मीडिया टीम भंग
सोशल मीडिया की दुनिया में ‘ट्रेंडिंग’ की तलाश कभी-कभी ट्रेंड-बन का टिकट बन जाती है। कांग्रेस ने पोस्ट की इतनी बड़ी गलती देखी और तुरंत अपनी सोशल मीडिया टीम को भंग कर दिया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सनी जोसेफ ने साफ कहा कि यह गलती पार्टी की सोच को नहीं दर्शाती।
“हमने माफी मांगी है, लेकिन बीड़ी की बात को हवा मत दीजिए…” – कांग्रेस प्रवक्ता, धुएं में गुम आवाज़।
ग्राफिक की जगह ग्राफिक मिस्टेक!
केरल कांग्रेस ने सफाई दी कि पोस्ट का उद्देश्य तंबाकू उत्पादों पर GST नीति की आलोचना करना था। ग्राफिक में बताया गया था कि बीड़ी पर टैक्स घटा और सिगरेट पर बढ़ा। लेकिन भाई… अगर ग्राफिक बनाते वक्त भाषा में ग्रैमर नहीं, बल्कि गुस्सा घुल जाए तो पोस्ट से बदबू आनी तय है।
टैक्स समझाने की कोशिश में पूरा राज्य टैगलाइन बन गया!
तेजस्वी यादव का वार:
उन्होंने कांग्रेस से सार्वजनिक माफी की मांग की, और बाकी विपक्षी दलों ने भी इसे “असहनीय और अपमानजनक” बताया।
शब्द बाण हैं, संभलकर चलाइए
राजनीति में पोस्ट करने से पहले सोचने की कला अब शायद AI से आउटसोर्स की जा रही है। ऐसे में “बीड़ी” और “बिहार” को एक ही वाक्य में रखना, गैस लीक के पास माचिस जलाने जैसा है।

कांग्रेस को सलाह: अगली बार पोस्ट करने से पहले धूप-दीप नहीं, बल्कि डबल-चेकिंग कीजिए।
सोशल मीडिया की गलती, लेकिन झेलनी पड़ी राजनीतिक निकोटीन
‘बी फॉर बीड़ी, बिहार’ पोस्ट ने दिखा दिया कि राजनीति में अब सोशल मीडिया केवल प्रचार का माध्यम नहीं, बल्कि खुद को ठिकाने लगाने का भी शॉर्टकट बन सकता है।
अगर कोई सीख मिली हो तो यही:
“हर अक्षर से कविता नहीं बनती, और हर ‘B’ से ‘भारत’ का अपमान नहीं सहा जाएगा।”
खालिस्तानी चरमपंथियों को मिल रही फंडिंग- चैरिटी के नाम पर चली चालाकी
